भारत को मिला है पहला liquid Mirror telescope क्या है,और यह कैसे काम करता है।

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liquid Mirror telescope : जिन देशों ने ILMT की स्थापना के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उसमें भारत, बेल्जियम, कनाडा, पोलैंड और उज़्बेकिस्तान शामिल है। बेल्जियम ने अपने योगदान देते हुए The Advanced Mechanical and Optical System Corporation And the Centre Spatial de liege Telescope का विकास और निर्माण में अपनी सहायता प्रदान किया है। लगभग वित्त पोषण, 30 से 40 करोड़ रूपये के क्षेत्रों में होने के अनुमान है। कनाडा और बेल्जियम द्वारा संयुक्त रूप से आपूर्ति किया गया था। जानकारी की पुस्टि की अनुसार यह टेलिस्कोप को सञ्चालन और रेख देख की जिम्मेदारी भारत सरकार का होगा।
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2022 सुरुवात में, भारत द्वारा सबसे पहले liquid Mirror telescope से पाना पहला प्रकाश का अनुसन्धान किया है। क्यों की यह उत्तरखंड के देवस्थान वेधशाला से आँचल की और अपने नजर को घुमाया हुवा था। हिमालय स्थित 2,450 मीटर की उचाई पर क्षुद्रग्रहों, सुपरनोवा, अंतरिक्ष मलवे और अन्य सभी खगोलीय पिंडों का अबलोकन कर रहा था।
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तीन देशों के मेहनत के परिणाम जिसमे शामिल है, भारत, बेल्जियम और कनाडा खगोलविदों द्वारा बनाया गया अनूठा गैजेट, प्रकाश को इकट्ठा करने और केंद्रित करने के लिए तरल पारा की एक पतली कोटिंग से युक्त 4-मीटर व्यास कताई दर्पण का उपयोग करने में सक्षम है। इसकी स्थित लोकेशन नैनीताल, उत्तराखंड के वैज्ञानिक और प्रौधोगिकी बिभाग (डीएसटी ), भारत सरकार निर्मित एक स्वतंत्र संस्थान, Aryabhatta Research Institute of Observational Sciences (ARIES) देवस्थल वेधशाला स्थान पर 2450 मीटर की उचाई पर स्थापित है।
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तीन देशों के specialist ने पारा के एक पुल, एक परावर्तक तरल का उपयोग किया है। ताकि सतह एक parabolic रूप में घूमवदार हो जो प्रकाश को केंद्रित करने के लिए उत्कृष्ट साबित हो। एक पतली पारभासी मायलर परत द्वारा हवा को कड़ी में रखा जाता है।
आपके जानकारी के लिए बतादूँ की प्रवर्तित प्रकाश को एक शक्तिशाली मल्टी-लेंस ऑप्टिकल करेक्टर द्वाराअनुसन्धान किया जाता है। जो दृष्टि के पारिस्थिति क्षेत्रों में स्पस्ट चित्र बनाने में सक्षम होता है। फोटो को फोकस पर स्थिर एक बड़े प्रारूप वाले इलेक्ट्रॉनिक्स कैमरा से फोटो खींचा जाता है।
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ILMT, यह देवस्थल में बनने वाला पहला तीसरा दूरबीन होगा। जो खगोलीय के लिए दुनिया के सबसे प्राचीन स्थानों में से एक है। ILMT के इस साल अक्टूबर में पूर्ण पैमाने पर वैज्ञानिक सञ्चालन सुरु होने का उम्मीद जताया जा रहा है। 3.6 मीटर देवस्थल ऑप्टिकल टेलिस्कोप (डीओटी), भारत का सबसे बड़ी दूरबीन ( 4 km बर्ग) के साथ सहयोग करेगा। 1.3 मीटर फ़ास्ट ऑप्टिकल टेलिस्कोप ( DFOT), जिसका स्थापना 2010 में किया गया था।
liquid Mirror telescope उपयोग क्या है ?
Indian liquid Mirror telescope (ILMT ) खास तौर पर आकाश को स्कैन करने के लिए उपयोग किया जायेगा। इसके मदत से आकाश का उपरोक्त पट्टी को देखकर आकाशगंगाओ और अन्य खोगलीय स्रोत का अनुसन्धान कर सकेंगे। उत्तराखंड के पहाड़ी देवस्थल में यह दूरबीन अनुसन्धान करने में मदत करेगा। जिसे कई सारे आकाशगंगाओ और आकाश का ऊपरी परतों को देखकर अबलोकन किया जायेगा। आपके जानकारी के लिए बता दूँ की यह टेलिस्कोप देश का पहला liquid Mirror telescope है। जिसका रेखदेख भरतिया सरकार और Aryabhatta Research Institute of Observational Sciences (ARIES) सौंपा गया है।
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Conventional और liquid Mirror telescope में क्या फर्क है ?
आपके जानकारी के लिए बता दूँ की Conventional दूरबीन को आकाश में रूचि खगोलीय स्रोत ओर लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निर्देशित किया जाता है। और इसके साथ liquid mirror टेलिस्कोप को रात के वक्त निश्चित समय पर आकाश की एक पट्टी को आंचल में चित्रित करता है। आसान सब्दमें बयान करें तो liquid mirror टेलिस्कोप सितारों, आकाशगगां, सुपरनोवा विस्फोट, ग्रहो और अंतरिक्ष सहित किसी भी खगोलीय वस्तु का अध्यन और तस्वीर किचन के लिए उपयोग किया जाता है।
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